Ladli Bahana Yojana में बड़ा बदलाव सरकार देगी एकमुश्त राशि और स्वरोजगार का नया मौका

Ladli Bahana Yojana

Ladli Bahana Yojana: मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा देने की तैयारी में है। लगभग 1.26 करोड़ लाड़ली बहनों के लिए इस योजना को अब सिर्फ मासिक सहायता तक सीमित नहीं रखा जाएगा। सरकार का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे सिर्फ सहायता पर निर्भर रहने की बजाय खुद स्थायी आय अर्जित कर सकें। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लाड़ली बहना योजना में कई बड़े और ऐतिहासिक बदलाव किए जा रहे हैं।

महिलाओं को मिल सकता है एकमुश्त फंड का विकल्प

अब तक बहनों को हर महीने 1500 रुपये की राशि दी जाती रही है लेकिन सरकार चाहती है कि यदि कोई महिला चाहे तो उसे कई महीनों या वर्षों की राशि एक साथ दी जाए। इस बड़े फंड का उपयोग महिलाएं अपना रोजगार शुरू करने माइक्रो बिजनेस खोलने या किसी बड़े उद्देश्य की पूर्ति में कर सकेंगी। सरकार का मानना है कि एकमुश्त सहायता महिलाओं को अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएगी जो स्थायी आर्थिक वृद्धि की दिशा में बड़ा कदम होगा।

महिला मंत्रियों की समिति करेगी सभी सुधारों का विश्लेषण

इन बदलावों पर अंतिम निर्णय महिला मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर होगा। इस समिति की अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया होंगी और उनके साथ मंत्री संपत्तिया उइके कृष्णा गौर प्रतिमा बागरी और राधा सिंह शामिल की गई हैं। यह टीम योजना का गहराई से अध्ययन कर यह तय करेगी कि किस तरह महिलाएं अधिक सक्षम बन सकती हैं और योजना को कैसे अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

विजन डॉक्यूमेंट 2047 के तहत बड़ा आर्थिक लक्ष्य

मध्यप्रदेश सरकार का विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नए स्तर पर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करता है। सरकार चाहती है कि महिलाओं की आर्थिक क्षमता बढ़े क्योंकि किसी भी राज्य की मजबूती उसके महिला वर्ग की तरक्की पर निर्भर करती है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्पष्ट कहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो प्रदेश भी समृद्ध होगा और इसी विचार के आधार पर सभी महिला सशक्तीकरण योजनाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

लाड़ली बहना योजना में संभावित बड़े बदलाव

सरकार की नई नीति में कई महत्वपूर्ण सुधार शामिल हो सकते हैं। योजना का पंजीकरण फिर से खोला जा सकता है ताकि वे महिलाएं भी शामिल हो सकें जो अब तक इससे जुड़ नहीं पाई हैं। मासिक राशि की जगह कमाई बढ़ाने वाले मॉडल पर जोर दिया जा सकता है जिसमें महिलाओं को प्रशिक्षण कर्ज सब्सिडी और अन्य सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है। यदि कोई बहन मासिक राशि की बजाय प्रशिक्षण या वित्तीय सहायता चाहती है तो उसे उच्च प्राथमिकता दी जा सकती है।

शुरुआत से अब तक राशि में लगातार वृद्धि

लाड़ली बहना योजना मार्च 2023 में शुरू हुई थी जिसमें महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाते थे। इसके बाद राशि 1250 और फिर 1500 रुपये की गई। नवंबर 2025 में कैबिनेट ने 250 रुपये की अतिरिक्त वृद्धि को मंजूरी दी जिसके बाद 1.26 करोड़ बहनों को नया भुगतान जारी किया गया। अब सरकार इस योजना को आर्थिक परिवर्तन के बड़े मॉडल में बदलने के लिए नए कदम उठा रही है।

45 हजार करोड़ से अधिक की मदद दे चुकी है सरकार

लाड़ली बहना योजना राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी महिला कल्याण योजनाओं में से एक बन चुकी है। अब तक 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि बहनों को सीधे खाते में दी जा चुकी है। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और तेजी से बढ़ने वाला है क्योंकि सरकार हर महीने लगभग 1600 करोड़ रुपये इस योजना में खर्च कर रही है।

3000 रुपये की मांग से बढ़ा सियासी विवाद

लाड़ली बहना योजना की राशि को लेकर राजनीतिक गर्मी भी तेज है। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव के दौरान 3000 रुपये देने का वादा किया गया था जबकि भाजपा कहती है कि राशि को चरणबद्ध रूप से बढ़ाया जाएगा। इन सबके बीच सरकार अब योजना को केवल आर्थिक मदद तक सीमित रखने की बजाय इसे महिलाओं की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के बड़े मॉडल में बदलने पर जोर दे रही है।

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