अल फला‍ह यूनिवर्सिटी मालिक के भाई की गिरफ्तारी दो दशक पुराना ठगी कांड फिर चर्चा में

अल फला‍ह यूनिवर्सिटी

महू में लगभग पच्चीस साल से चल रहे एक बड़े ठगी कांड में आखिरकार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अल फला‍ह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह व्यक्ति दो दशकों से फरार था और पुलिस को लगातार इसकी तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोगों में पुराने मामले को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है।

दिल्ली धमाकों के बाद बढ़ी निगरानी और फिर सामने आया पुराना कांड

पिछले दिनों दिल्ली धमाकों के बाद जब अल फला‍ह यूनिवर्सिटी चर्चा में आई तो सुरक्षा एजेंसियों ने चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के बैकग्राउंड की गहराई से जांच शुरू की। इसी दौरान पता चला कि जवाद का परिवार महू से जुड़ा है और उसका भाई हमूद यहां के साल 2000 के एक बड़े ठगी कांड में आरोपी है। यह जानकारी मिलते ही महू पुलिस ने उसकी पुरानी फाइलें खंगालनी शुरू कीं। जांच में सामने आया कि साल 2000 की ठगी के बाद पूरा परिवार अचानक महू से गायब हो गया था और इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया था।

कैसे की गई थी ठगी सेना के जवान और सरकारी कर्मचारी बने थे निशाना

पुलिस जांच के अनुसार हमूद सिद्दीकी ने साल 2000 में अल फहद नाम से एक निजी बैंक बनाया था। इस बैंक में लोगों को दोगुनी रकम लौटाने का लालच दिया गया था। उसके निशाने पर खासतौर से सेना के सेवानिवृत्त जवान एमईएस कर्मचारी और अन्य सरकारी कर्मचारी थे। सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई जमा करवाकर वह परिवार सहित भाग गया था। लोगों ने भरोसा इसलिए भी किया था क्योंकि इनके पिता शहर काजी थे और परिवार की प्रतिष्ठा काफी अच्छी मानी जाती थी।

हैदराबाद में शेयर ट्रेडिंग कर रहा था आरोपी पुलिस को मिली बड़ी सफलता

पुलिस के अनुसार हमूद लंबे समय से हैदराबाद में रह रहा था और शेयर ट्रेडिंग का काम कर रहा था। पुलिस यह भी पता कर रही है कि फरारी के दौरान उसकी गतिविधियां क्या थीं और वह किन लोगों के संपर्क में था। रविवार शाम पुलिस टीम ने हैदराबाद से उसे हिरासत में लिया और महू लेकर आई। अदालत में पेश करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद अब जांच फिर से तेज हो गई है।

भव्य जीवनशैली छोड़कर रातों रात हुआ था फरार शहर में थी बड़ी पहचान

स्थानीय लोगों के मुताबिक जवाद सिद्दीकी तीन भाइयों में से एक है और इनके पिता शहर काजी के पद पर रहे थे। उनके परिवार की प्रतिष्ठा के कारण लोगों ने बिना शक के उनके बैंक में निवेश किया। लेकिन जब रकम वापस नहीं मिली तो दोनों भाई जवाद और हमूद रातों रात शहर छोड़कर फरार हो गए। जवाद सिद्दीकी अल फला‍ह बैंक मामले में छह साल जेल में भी रह चुका है जबकि हमूद सिद्दीकी दो दशक तक फरार रहने के बाद अब पकड़ा गया है

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