बुधवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू का 7वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह समारोह न केवल विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतीक था बल्कि संविधान के मूल्यों और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के सम्मान का भी संदेश दे रहा था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। साथ ही 76वें संविधान दिवस के अवसर पर संविधान प्रस्तावना का वाचन भी किया गया, जिससे उपस्थित सभी विद्यार्थियों और अतिथियों का मन भावविभोर हो गया।
राज्यपाल ने दी उपाधि प्राप्त छात्रों को बधाई
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ के संदेश को दोहराते हुए कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल आजीविका कमाना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे डॉ. अम्बेडकर के सपनों के भारत को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। राज्यपाल ने सामाजिक न्याय, समरसता और समावेशी विकास के सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का संदेश दिया और कहा कि विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान को अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान और सामाजिक समरसता के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।
माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करने की सीख
इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपने माता-पिता और गुरुजनों का जीवन भर सम्मान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए कई कठिनाइयाँ सहते हैं और उनका सम्मान करना हमारे जीवन को बेहतर बनाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। यह समाज और राष्ट्र की सेवा करने का पहला कदम है।
केंद्रीय मंत्री और अन्य अतिथियों के विचार
मुख्य अतिथि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि महू डॉ. अम्बेडकर की जन्मभूमि है और यह विश्वविद्यालय सामाजिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने युवाओं को राज्य और राष्ट्र के विकास की धुरी बताया और शोधार्थियों के कार्यों की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि यह संस्थान सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने शोध कार्यों को सीधे जनहित और राज्य की विकास योजनाओं से जोड़ें।
विधायक सुश्री उषा ठाकुर और अन्य अतिथियों ने भी विद्यार्थियों को बधाई दी और उन्हें अपने ज्ञान और प्रतिभा का उपयोग समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए करने का संदेश दिया।
शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और स्मारिका विमोचन
दीक्षांत समारोह में 16 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने उपाधि प्राप्त छात्रों को दीक्षा और प्रतिज्ञा दिलाई। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रकाशन ‘स्मारिका’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन कुलगुरु श्री रामलाल अत्राम और आभार प्रकट किया गया कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा ने।
इस समारोह ने यह संदेश दिया कि ज्ञान केवल पुस्तकालयों में सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि इसे गाँवों, बस्तियों और समाज के अंतिम पायदान तक पहुँचाना आवश्यक है। यह विश्वविद्यालय अपने शोधार्थियों के माध्यम से समाज में वास्तविक बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है।
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू का यह 7वां दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए उपलब्धियों का पर्व था बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए जिम्मेदारी का भी संदेश लेकर आया। राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और अन्य अतिथियों ने ज्ञान के महत्व, सामाजिक समरसता और संवेदनशील नागरिक बनने की सीख दी।

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