मध्यप्रदेश में इस समय ठंड अपने चरम पर है। सुबह की हवा में चुभन है रातों में कंपकंपी है और हर दिन तापमान नई गिरावट दर्ज कर रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि रीवा जिले से ठंड के कारण एक व्यक्ति की मौत की खबर भी सामने आई है। मौसम विभाग ने इंदौर और भोपाल समेत कई जिलों में अगले दो दिनों तक शीतलहर का अलर्ट जारी किया है जिससे लोगों में चिंता और बढ़ गई है।
इंदौर और भोपाल में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी से बढ़ी ठिठुरन
इस साल नवंबर की शुरुआत से ही ठंड ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए थे और अब तक स्थितियां सामान्य से कहीं ज्यादा कड़ी हो चुकी हैं। भोपाल में नवंबर की ठंड ने पिछले 84 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जबकि इंदौर में पिछले 25 सालों में नवंबर में इतनी ठंड कभी नहीं दर्ज की गई। इंदौर में शुक्रवार को दिन का तापमान थोड़ा बढ़कर 28.8 डिग्री हुआ लेकिन रात का पारा गिरकर 8.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जिसने शहरवासियों को कांपने पर मजबूर कर दिया। भोपाल और इंदौर दोनों ही शहरों में पिछले कई दिनों से रात का तापमान लगातार 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है जिससे ठिठुरन और तेज महसूस हो रही है।
पचमढ़ी में सीजन का सबसे ठंडा रिकॉर्ड
गुरुवार और शुक्रवार की रात प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। यहां पारा गिरकर 5.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पहाड़ी क्षेत्र में बर्फीली हवा और सर्द मौसम ने स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी हैरान कर दिया है। कड़ाके की ठंड का असर अब लोगों की जान पर भी भारी पड़ने लगा है। रीवा जिले में ठंड लगने से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है जो इस मौसम की गंभीरता को दर्शाती है।
मालवा निमाड़ में सबसे ज्यादा असर शीतलहर जारी
मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 6 नवंबर से ही कड़ाके की ठंड शुरू हो गई थी जिसका असर अब मालवा और निमाड़ क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। भोपाल में पिछले दस दिनों से लगातार शीतलहर चल रही है जिससे लोगों को सुबह और शाम बाहर निकलना बेहद मुश्किल लग रहा है। मौसम विभाग ने इंदौर भोपाल राजगढ़ शाजापुर और सीहोर में अगले दो दिनों तक शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी बताती है कि आने वाले दो दिन और भी कठिन हो सकते हैं।
22 नवंबर से बदल सकता है मौसम का मिजाज
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 22 नवंबर से देश की दक्षिण पूर्वी खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है जो मौसम में कुछ बदलाव ला सकता है। हालांकि इससे पहले प्रदेशवासियों को तेज ठंड कड़ाके की हवाओं और शीतलहर का सामना करना पड़ेगा। उम्मीद यह है कि 22 नवंबर के बाद तापमान में थोड़ा बदलाव आएगा और सर्दी की तीव्रता कुछ कम हो सकती है। तब तक सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।

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