Indore News: आज हम बात करेंगे हमारे अपने इंदौर शहर की शान बनने वाली मेट्रो के बारे में। शुरुआत में जब मेट्रो ट्रेन पहली बार ट्रैक पर दौड़ी थी तो पूरा शहर इसे देखने उमड़ पड़ा था। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी में एक अलग उत्साह था क्योंकि पहली बार इंदौर को मेट्रो जैसा तोहफा मिला था। लेकिन अब हालात थोड़े बदले-बदले नजर आ रहे हैं।
अभी फिलहाल मेट्रो का संचालन सिर्फ छह किलोमीटर तक ही किया जा रहा है और यह हिस्सा आबादी वाले क्षेत्र से दूर है। इसी कारण यात्रियों की संख्या बहुत कम हो गई है। शुरुआती दिनों में जहां ट्रेन देखने वालों की भीड़ स्टेशन पर रहती थी वहीं अब सीटें खाली नजर आने लगी हैं। हालांकि मेट्रो ने अब तक दो लाख से ज्यादा यात्रियों को सफर कराया है लेकिन आगे की राह अभी लंबी है।
शुक्रवार को मेट्रो ने एक नया इतिहास रचते हुए पहली बार दस किलोमीटर का ट्रायल रन पूरा किया। ट्रेन की स्पीड अभी सिर्फ दस किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है ताकि सुरक्षा जांच सही तरीके से हो सके। सुरक्षा विशेषज्ञों ने चार किलोमीटर तक के रन की अनुमति दी थी और धीरे-धीरे ट्रायल बढ़ाते हुए इसे रेडिसन चौराहे तक ले जाने की तैयारी की जा रही है।
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में असली रौनक तब आएगी जब इसका संचालन विजय नगर और सुखलिया जैसे व्यस्त क्षेत्रों से होकर सुपर कॉरिडोर तक पहुंचेगा। यहां हजारों विद्यार्थी और आईटी कंपनियों के कर्मचारी रोजाना सफर करते हैं और उनके लिए मेट्रो सबसे सुरक्षित और तेज साधन साबित हो सकती है। अभी पांच से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों का काम अधूरा है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक रेडिसन चौराहे तक मेट्रो चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
दोस्तों इंदौर मेट्रो सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं है बल्कि यह हमारे शहर की पहचान बनने वाली है। अगर यह अपने पूरे रूट पर शुरू हो जाती है तो हजारों लोगों को न केवल ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी बल्कि समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी। आने वाले वक्त में मेट्रो हमारे शहर के हर कोने को जोड़कर विकास की नई दिशा तय करेगी।

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