गर्मी में लौकी की खेती करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इसकी बाजार में भारी मांग रहती है।
भिंडी की फसल जल्दी तैयार होती है और कम पानी में भी अच्छी उपज देती है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलता है।
खीरा गर्मियों में सलाद और जूस के रूप में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, इसलिए इसकी खेती से बढ़िया मुनाफा हो सकता है।
लौकी की बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल होता है और दोमट मिट्टी में इसका बेहतरीन उत्पादन मिलता है।
भिंडी की अच्छी फसल के लिए 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई जरूरी होती है, जिससे पौधों की वृद्धि तेजी से होती है।
खीरे की पहली तुड़ाई बुवाई के 40-45 दिनों बाद हो सकती है, जिससे यह जल्दी बाजार में पहुंचकर अच्छी कीमत दिला सकता है।
लौकी की फसल से प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल तक उत्पादन संभव है, और बाजार में इसकी कीमत 20-30 रुपये प्रति किलो तक मिलती है।
भिंडी की बाजार में अच्छी मांग रहती है, इसकी कीमत 30-50 रुपये प्रति किलो तक मिल सकती है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होता है।
खीरे की खेती से प्रति हेक्टेयर 150-200 क्विंटल उत्पादन मिल सकता है, और इसकी कीमत 25-40 रुपये प्रति किलो तक जाती है।
गर्मी के मौसम में इन फसलों की मांग हमेशा बनी रहती है, इसलिए सही समय पर बुवाई और देखभाल से जबरदस्त कमाई की जा सकती है।