पपीता एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। इसकी खेती से अच्छा मुनाफा होता है।
पपीते के पौधे जल्दी बढ़ने वाले होते हैं और इन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती। ये गर्म जलवायु में अच्छे से बढ़ते हैं।
पपीते की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु आदर्श रहती है। तापमान 25-35°C के बीच सबसे अच्छा होता है।
पपीते के लिए हल्की, बलुई और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त है। मिट्टी का पीएच 6-7 होना चाहिए।
पपीते के पौधों को अच्छी दूरी पर रोपें, ताकि उन्हें हवा और सूरज की रोशनी मिल सके। रोपाई का समय मार्च से जून तक आदर्श है।
पपीते के पौधों को नियमित और पर्याप्त पानी चाहिए, लेकिन जल भराव से बचना चाहिए। सूखा नहीं सहन कर पाते।
पौधों को समय-समय पर कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। पत्तों की सफाई भी जरूरी है।
पपीते की अच्छी फसल के लिए जैविक खाद और संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश आवश्यक हैं।
पपीते के पौधों को समय-समय पर छांटें और मृत शाखाओं को हटा दें। इससे पौधों को बढ़ने में मदद मिलती है।
पपीते के फल जब रंग में हल्का पीला हो, तब उन्हें काटना चाहिए। ताजे पपीते का विपणन आसानी से किया जा सकता है।