हल्दी की खेती भारतीय कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मुख्य रूप से मसाले और औषधीय उपयोग के लिए उगाई जाती है।

हल्दी का वैज्ञानिक नाम "कुर्मा longa" है और यह अदरक परिवार का सदस्य है, जो मुख्य रूप से दक्षिण भारत में उगती है।

हल्दी की खेती के लिए गर्म और नम मौसम की आवश्यकता होती है। इसे अधिकतर वर्षा वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है।

हल्दी के पौधे को अच्छे जल निकासी वाली मिट्टी में उगाना चाहिए। यह मिट्टी को पीले रंग में बदल देती है।

हल्दी का मुख्य उत्पाद उसका कंद होता है, जो भूमिगत रहता है और पीले रंग का होता है, जिसे सुखाया जाता है।

हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से मसाले, रंग और औषधि के रूप में किया जाता है। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक देश है, और यह हल्दी का सबसे बड़ा निर्यातक भी है।

हल्दी की खेती के लिए 8 से 10 महीने की अवधि की आवश्यकता होती है। कटाई के बाद कंद को सुखाया जाता है।

हल्दी के पौधे की देखभाल में उर्वरक, नियमित सिंचाई और कीटों से बचाव करना जरूरी है, ताकि उपज बढ़ सके।

हल्दी की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। यह उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करता है।