कम लागत में ज्यादा मुनाफा, तोरई की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।
तोरई के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है।
प्रति हेक्टेयर 3-4 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है। बुआई का सही समय फरवरी-मार्च, जून-जुलाई और अक्टूबर-नवंबर है।
लाइन से लाइन की दूरी 2-3 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 50-60 सेमी होनी चाहिए।
गर्मियों में 5-7 दिन में एक बार सिंचाई करें। खाद और जैविक उर्वरकों का समय पर उपयोग करें।
तोरई में विटामिन, फाइबर और मिनरल होते हैं, जिससे इसकी बाजार में सालभर मांग बनी रहती है।
तोरई की कीमत 15-30 रुपये प्रति किलो होती है। प्रति हेक्टेयर 1-1.5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।
कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए तोरई की खेती एक अच्छा विकल्प है।