चिकू, या सैपोडिला, एक स्वादिष्ट फल है, जो खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह पौष्टिक भी होता है।
चिकू के पौधे मजबूत और दीर्घायु होते हैं। इनकी जड़ें गहरी होती हैं, जो इसे सूखा सहनशील बनाती हैं।
– चिकू की खेती के लिए गरम और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। तापमान 25-35°C के बीच अच्छा रहता है।
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स्वस्थ और रोग मुक्त पौधों का चयन करें। रोपण की दूरी 10-12 फीट रखें, ताकि पौधों को पर्याप्त जगह मिले।
चिकू के पौधे के लिए समृद्ध, जल निकासी वाली मिट्टी जरूरी है। भारी मिट्टी में इसकी वृद्धि कम हो सकती है।
चिकू के पौधों को नियमित सिंचाई की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादा पानी से बचना चाहिए। जल निकासी का ध्यान रखें।
जैविक खाद का इस्तेमाल करें। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों का संतुलित प्रयोग पौधों की वृद्धि में मदद करता है।
चिकू के पौधों में आमतौर पर फंगस, बैक्टीरिया और कीड़े होते हैं। जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, ताकि उत्पादन सुरक्षित रहे।
नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें, जिसमें शाखाओं की छंटाई, मिट्टी की जुताई और पानी देना शामिल है।
चिकू का फल पकने पर हल्का रंग बदलता है। कटाई के बाद इस फल का सेवन, जूस और मिठाइयों में किया जा सकता है।