अंगूर की खेती दुनियाभर में लोकप्रिय है। यह फल स्वादिष्ट, पोषक और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
अंगूर की खेती से न केवल स्वादिष्ट फल मिलते हैं, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद होती है।
अंगूर के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे किशमिश, वाइन अंगूर, और द्राक्ष। हर प्रकार का स्वाद और उपयोग अलग होता है।
अंगूर के लिए गरम और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। ठंडे मौसम में उपज कम होती है।
अंगूर को उपजाऊ, जल निकासी वाली मिट्टी में उगाना चाहिए। भारी मिट्टी से बचना चाहिए, क्योंकि यह जलभराव का कारण बनती है।
अंगूर के पौधों को सही समय पर पानी, खाद और सूरज की रोशनी मिलनी चाहिए। नियमित रूप से छंटाई करनी होती है।
अंगूर के पौधों को एक दूसरे से लगभग 7 से 8 फीट की दूरी पर रोपें ताकि वे सही से फैल सकें।
अंगूर की कटाई सही समय पर करें, जब वे पूरी तरह से पक जाएं। कटाई के बाद सही तरीके से संग्रहण करें।
अंगूर की खेती में कीड़े, रोग और फंगल इंफेक्शन आम समस्याएँ होती हैं। इनसे बचाव के उपाय अपनाएं।
अंगूर में भरपूर मात्रा में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं।