इंदौर शहर में आने वाले सालों में एक नई सड़क एमआर-12 शहर की ट्रैफिक समस्याओं को काफी हद तक कम करने वाली है। यह सड़क खासकर उन रिहायशी इलाकों के लिए वरदान साबित होगी, जहां अब तक भारी वाहनों की आवाजाही और ट्रैफिक का दबाव बहुत था।
शहर के रिहायशी क्षेत्रों से भारी वाहनों की आवाजाही होगी कम
एमआर-12 सड़क के बनने के बाद सुपर कॉरिडोर और आसपास के नए स्कूल, कॉलेज और मॉल सुरक्षित रहेंगे। अब वहां भारी वाहन नहीं आएंगे। जिससे न केवल हादसों में कमी आएगी बल्कि शहरवासियों का जीवन भी आसान होगा। रहवासी आनंद नजान का कहना है कि यह सड़क आने वाले समय में सुरक्षा और सुविधा दोनों में बदलाव लाएगी।
एमआर-12 का महत्व और मार्ग
मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के बायपास के ट्रैफिक को सीधे उज्जैन रोड तक पहुंचाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण एमआर-12 सड़क का निर्माण कर रहा है। 9 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण 1000 करोड़ रुपये से अधिक लागत में किया जा रहा है। 60 मीटर चौड़ी यह सड़क सिंहस्थ 2028 के दौरान बेहद लाभकारी साबित होगी। दिल्ली, ग्वालियर और भोपाल से आने वाले ट्रैफिक का बड़ा हिस्सा एमआर-12 से होकर उज्जैन रोड पहुंचेगा।
एमआर-12 सड़क पुराने एबी रोड और देवास रोड के अरंडिया गांव से शुरू होकर कैलोद हाला, मांगलिया, भानगढ़ होते हुए भंवरासला के अरविंदो अस्पताल क्षेत्र से लवकुश चौराहे पर उज्जैन रोड से जुड़ेगी।
निर्माण में चुनौती और सरकारी प्रयास
इस सड़क के निर्माण में डेढ़ हजार से अधिक निर्माण बाधक हैं। इन बाधकों को हटाना आसान नहीं होगा। इन्हें हटाने के बाद ही सड़क पुराने एबी रोड और नए एबी रोड बायपास से पूरी तरह जुड़ पाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आठ माह पहले सड़क का निरीक्षण किया और सड़क की चौड़ाई का जायजा लिया।
ट्रैफिक पर प्रभाव
इंदौर विकास प्राधिकरण और सांसद शंकर लालवानी के अनुसार यह सड़क सिंहस्थ मेले के दौरान ट्रैफिक को सुचारू बनाएगी और शहर के ट्रैफिक दबाव को कम करेगी। शहर के प्रमुख मार्गों एमआर-11 और एमआर-10 पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा।
निर्माण और पुलिया का काम
इंदौर विकास प्राधिकरण ने तीन किलोमीटर हिस्से के लिए 58 करोड़ रुपये का टेंडर मंजूर किया है। कान्ह नदी पर 15 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन ब्रिज बनेगा। इसके अलावा दो बड़ी पुलिया और कैलोद हाला रेलवे क्रॉसिंग पर 80 करोड़ रुपये की लागत से एक ब्रिज का निर्माण भी होगा।
शहर और ग्रामीण क्षेत्र को लाभ
एमआर-12 सड़क से शहर के 30 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सीधे शहर से जुड़ जाएगी। उपज मंडियों तक पहुंच आसान होगी और सीमावर्ती क्षेत्रों में नई कॉलोनियों और बसाहट के मौके बढ़ेंगे। इंदौर विकास प्राधिकरण ने 7 किलोमीटर हिस्से का निर्माण पूरा करने के लिए दो साल का लक्ष्य रखा है।
एमआर-12 सड़क इंदौर के विकास और सुरक्षा दोनों के लिए एक बड़ी उम्मीद साबित होगी

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