दिल्ली बम धमाके में बड़ा खुलासा महू के जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी और चार मंजिला मकान पर कार्रवाई शुरू

दिल्ली बम धमाके

आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए हैं जिसने पूरे मध्यप्रदेश के महू और देश की राजधानी दिल्ली दोनों जगह पर हलचल बढ़ा दी है। दिल्ली में हुए बम धमाके के मामले में जो नई जानकारी सामने आई है उसने कई चौंकाने वाले पहलुओं को उजागर किया है। हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर कैसे एक नामी यूनिवर्सिटी का मालिक ऐसी घटनाओं से जुड़ सकता है और अब उसके परिवार के महू स्थित मकान पर भी बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है।

अलफलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद सिद्दीकी गिरफ्तार बड़ी साजिश का पर्दाफाश

दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ी वैसे वैसे चौंकाने वाली बातें सामने आती गईं। पुलिस जांच में पता चला कि अलफलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद सिद्दीकी के यहां दो ऐसे लोग काम करते थे जो दिल्ली बम विस्फोट में शामिल पाए गए। इसी जानकारी के बाद पुलिस टीम ने जवाद को तुरंत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जवाद को दिल्ली से दबोचा गया जबकि उसका भाई हमूद हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। दोनों भाइयों की गतिविधियों ने पुलिस को लंबे समय से संदेह में डाले रखा था और जांच में कई गंभीर तथ्य सामने आए।

हमूद पर गंभीर आरोप कई केस दर्ज चिटफंड फ्रॉड में भी था तलाशा जा रहा

जवाद का भाई हमूद भी महू पुलिस की गिरफ्त में है और उस पर कई गंभीर आरोप हैं। उसके खिलाफ दंगा भड़काने हत्या के प्रयास और धोखाधड़ी समेत पांच मामले दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि चिटफंड कंपनी के नाम पर वह कई परिवारों को पैसा दोगुना करने का झांसा देकर ठग चुका था और पिछले पच्चीस साल से महू पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दिल्ली बम कांड के मामले में महू कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस ने हमूद को हैदराबाद से गिरफ्तार कर महू उपजेल में बंद कर दिया।

महू में चार मंजिला पैतृक मकान अवैध निर्माण मिलने पर टूटने की तैयारी तेज

जवाद और हमूद का महू के मुकेरीपुरा क्षेत्र में चार मंजिला पैतृक मकान है। यह मकान काफी समय से खाली पड़ा था और इसके कुछ हिस्से किराए पर दिए गए थे। जब परिषद ने मकान के नक्शे और रिकॉर्ड की जांच की तब पता चला कि जवाद ने अनुमति के विपरीत कई अवैध हिस्से बनवा दिए थे। इसी कारण महू छावनी परिषद ने नोटिस जारी किया और सिद्दीकी परिवार को तीन दिन का समय दिया कि वे खुद अवैध निर्माण को हटाएं। तय समय सीमा खत्म होने के बाद परिषद खुद अवैध हिस्सों को तोड़ेगी और पूरी रिमूवल राशि भी जवाद और हमूद से वसूल करेगी। परिषद के अधिकारियों ने साफ किया है कि अवैध निर्माण मिलने पर इसे शनिवार को तोड़ा जा सकता है।

महू और दिल्ली दोनों में बढ़ी हलचल मामला बना चर्चा का विषय

जैसे ही यह मामला सामने आया वैसे ही स्थानीय लोगों में चर्चा तेज हो गई। कई लोग यह जानकर हैरान हैं कि उनका ही क्षेत्र का एक नामी परिवार इतनी बड़ी वारदात में कैसे शामिल हो सकता है। पुलिस और प्रशासन अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रहा है और यह देखने की कोशिश कर रहा है कि कहीं इससे और भी लोग जुड़े तो नहीं हैं। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियां भी ज्यादा सतर्क हो गई हैं।

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