Indore News: इंदौर शहर में मिलावट और खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन लगातार सख्त कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में आज एक बड़ी कार्रवाई अपोलो फार्मेसी यूनिट पर देखने को मिली जहां बिना खाद्य लाइसेंस के खाद्य पदार्थों की बिक्री हो रही थी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के हाल ही में दिए गए निर्देशों के बाद प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ हर उस स्थान पर कार्रवाई कर रहा है जहां स्वास्थ्य सुरक्षा से खिलवाड़ पाया जा रहा है।
फूड एंड ड्रग लैब उद्घाटन के बाद प्रशासन का सख्त रुख
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंदौर में आधुनिक फूड एंड ड्रग लैब का उद्घाटन किया था। उसी दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा था कि मिलावटखोरों और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाया जाएगा। उनके निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने आज कलेक्टर शिवम वर्मा के मार्गदर्शन में अपोलो फार्मेसी यूनिट का औचक निरीक्षण किया।
बिना लाइसेंस के खाद्य पदार्थों की बिक्री उजागर
खाद्य औषधि प्रशासन की टीम जब प्लॉट नंबर 617 ग्रेटर बृजेश्वरी ग्राम पिपलियाहाना स्थित अपोलो फार्मेसी पहुंची तो वहां दवाइयों के साथ कई प्रकार के खाद्य उत्पाद भी बिक्री के लिए उपलब्ध थे। प्रतिष्ठान प्रभारी उजेर खान मौके पर मौजूद थे और जांच के दौरान टीम ने पाया कि रेडी टू सर्व फ्रूट बेवरेज प्रोटीन पाउडर इन्फेंट फूड मल्टीविटामिन फूड प्रोडक्ट सहित कई ऐसे खाद्य उत्पाद मानव उपभोग के लिए रखे गए थे जिनके लिए वैध खाद्य लाइसेंस या पंजीयन अनिवार्य होता है।
दो नमूने लिए गए और बिक्री तुरंत बंद कराई गई
जांच टीम ने मौके से रेडी टू सर्व फ्रूट बेवरेज के दो नमूने लेकर उन्हें राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेज दिया है। लाइसेंस न होने के कारण परिसर में सभी खाद्य पदार्थों की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करा दी गई। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत की गई है और नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद संबंधित के खिलाफ मामला माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
कलेक्टर ने दी कड़ी चेतावनी
कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि नागरिकों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी नमूनों की विस्तृत जांच की जाएगी और रिपोर्ट के बाद आगे की वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में ऐसी और भी सख्त कार्रवाइयां होंगी।
यह कदम साबित करता है कि इंदौर प्रशासन खाद्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और गंभीर है। बिना लाइसेंस खाद्य वस्तुओं की बिक्री आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है और प्रशासन का यह सख्त रुख शहर में खाद्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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