Savan 2025: सावन का नाम सुनते ही मन में हरियाली, ठंडी फुहारें और मंदिरों में गूंजती शिव-शंकर की आरती की आवाजें गूंजने लगती हैं। हर साल जब सावन का महीना आता है, तो करोड़ों भक्तों के दिलों में शिवभक्ति की गंगा बहने लगती है। 2025 में सावन का महीना एक बार फिर से भक्ति और श्रद्धा की बारिश लेकर आ रहा है।
इस लेख में हम जानेंगे कि सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है, इस बार कितने सावन सोमवार होंगे, और कैसे आप इस पवित्र महीने में भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। अगर आप भी सावन में व्रत रखते हैं, या शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत खास है।
सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है?
सावन 2025 का पवित्र महीना शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर शनिवार, 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। उत्तर भारत में इसे श्रावण मास कहा जाता है, वहीं दक्षिण भारत में यह समय आषाढ़ पूर्णिमा के बाद आता है।
यह वो समय होता है जब कांवड़ यात्रा, जलाभिषेक, शिवरात्रि और सावन सोमवार व्रत जैसे पर्व मनाए जाते हैं। भक्तजन नदी से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं और भोलेनाथ से कृपा की कामना करते हैं।
कितने सोमवार पड़ेंगे सावन 2025 में?
इस साल सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं। ये दिन शिव जी को समर्पित व्रत और पूजन के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से इन दिनों व्रत रखता है, उसे शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सावन सोमवार व्रत की तारीखें 2025:
- 14 जुलाई 2025 – पहला सोमवार व्रत
- 21 जुलाई 2025 – दूसरा सोमवार व्रत
- 28 जुलाई 2025 – तीसरा सोमवार व्रत
- 4 अगस्त 2025 – चौथा और अंतिम सोमवार व्रत
इसके अलावा, 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। यह रात भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की याद दिलाती है और व्रत व पूजन के लिए अत्यंत फलदायक मानी जाती है।
सावन में क्या करें ताकि शिव जी हों प्रसन्न?
सावन के महीने में सत्कर्म और संयम का बहुत महत्व होता है। इस समय हर दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र और भस्म अर्पित करें।
“ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें। जो लोग व्रत रखते हैं, वे सोमवार को सिर्फ फलाहार लें और दिनभर भगवान शिव का स्मरण करें।
सावन में शिवपुराण, रुद्राभिषेक, रुद्राष्टक और शिव चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस महीने में किसी से कटु वचन न बोलें, मांस-मदिरा का सेवन न करें और यथासंभव किसी ज़रूरतमंद की मदद करें।
क्यों खास होता है सावन का महीना?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उस विष को अपने गले में धारण किया था। उसी घटना की स्मृति में यह महीना उनके बलिदान और करुणा को समर्पित किया गया है।
इसलिए ऐसा माना जाता है कि सावन में की गई शिव भक्ति सबसे जल्दी फल देती है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं इस महीने सोमवार का व्रत रखती हैं ताकि उन्हें अच्छा वर प्राप्त हो।
निष्कर्ष
सावन 2025 एक बार फिर से आपके जीवन में भक्ति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आ रहा है। अगर आप सच्चे मन से शिव जी का ध्यान करेंगे, तो यकीन मानिए आपके जीवन की हर बाधा दूर होगी। ये सिर्फ एक मास नहीं, बल्कि आपके जीवन में नई शुरुआत का अवसर है।
