नमस्कार किसान भाइयों, क्या आप जानते हैं कि केवल 60 दिनों में आप लाखों की कमाई कर सकते हैं? अगर आप सही फसल चुनें और सही तकनीक अपनाएं तो खेती से भी शानदार मुनाफा कमाया जा सकता है। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में किसानों के पास गरमा मूंग की खेती का शानदार अवसर है। इस फसल की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है और खासकर गर्मियों में इसकी बिक्री बढ़ जाती है। यही वजह है कि किसान इस फसल की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
क्यों करें गरमा मूंग की खेती
गरमा मूंग दलहनी फसल है, जिसकी खेती करने से कम समय में अधिक मुनाफा होता है। इसके अलावा, यह मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है, जिससे अगली फसल की पैदावार में भी सुधार होता है। मूंग की खेती के लिए कम पानी की जरूरत होती है, जिससे यह उन इलाकों में भी आसानी से उगाई जा सकती है जहां जल संकट बना रहता है। पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, गरमा मूंग की खेती किसानों के लिए एक फायदे का सौदा है।
बुवाई का सही समय और तरीका
अगर आप भी इस फसल से लाभ कमाना चाहते हैं तो मार्च से अप्रैल के बीच इसकी बुवाई कर सकते हैं। सबसे अच्छा समय 15 मार्च से 10 अप्रैल तक माना जाता है। बुवाई से पहले खेत की दो बार जुताई ट्रैक्टर और कल्टीवेटर से कर लें और उसके बाद एक बार रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
इसके बाद 10 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से बुवाई करें और बीज उपचार जरूर करें ताकि बीज जनित रोगों से फसल को बचाया जा सके। बीज उपचार के लिए यूपीएल कंपनी की शाल दवा का उपयोग करें। 10 किलो बीज के लिए 200 ग्राम शाल दवा को पानी में मिलाकर बीज पर अच्छे से लेप चढ़ा दें। इसके अलावा करबेंडा जिम दवा का उपयोग भी किया जा सकता है, जिसे दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर बीज उपचार किया जाता है।
फसल की देखभाल और सिंचाई
मूंग की फसल ज्यादा पानी की मांग नहीं करती, लेकिन खेत में हल्की नमी बनी रहनी चाहिए। इसलिए बुवाई के बाद दो से तीन बार हल्की सिंचाई करना आवश्यक है। यह ध्यान दें कि खेत में जलभराव न हो, क्योंकि अधिक पानी से पौधों को नुकसान पहुंच सकता है।
60 दिन में तीन बार कटाई और शानदार उत्पादन
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मूंग की फसल केवल 60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और किसान इस दौरान तीन बार कटाई कर सकते हैं। एक एकड़ खेत में लगभग 10 किलो बीज लगाया जाता है, जिससे करीब 4 क्विंटल मूंग का उत्पादन हो सकता है। यह मूंग बाजार में दाल और बीज के रूप में बेची जाती है, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है।
मिट्टी की उर्वरता भी होगी बेहतर
मूंग की खेती से न केवल किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। इसकी जड़ों में नाइट्रोजन फिक्सेशन की प्रक्रिया होती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। कटाई के बाद खेत की जुताई कर देने से यह जैविक खाद के रूप में भी काम करता है, जिससे अगली फसल की पैदावार में इजाफा होता है।
निष्कर्ष
गरमा मूंग की खेती एक बेहतरीन विकल्प है, जिससे किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसकी मांग हमेशा बनी रहती है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं। अगर आप इस बार गर्मी में कोई लाभदायक खेती करना चाहते हैं तो गरमा मूंग आपकी पहली पसंद होनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से जुड़े किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृपया कृषि विशेषज्ञों या स्थानीय कृषि विभाग से परामर्श अवश्य करें।
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