तमिलनाडु की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु दौरे से पहले वहां की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के एक नेता द्वारा पीएम मोदी को दी गई जान से मारने की धमकी ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। इस पूरे मामले ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं और राज्य के राजनीतिक वातावरण में नई हलचल शुरू हो गई है।
धमकी वाला वीडियो सामने आते ही बढ़ा विवाद
घटना तब सामने आई जब डीएमके दक्षिण ज़िला सचिव जयपालन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। यह वीडियो तेनकासी जिले में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का बताया जा रहा है। इस दौरान जयपालन ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी को परोक्ष रूप से जान से मारने की धमकी वाली बातें कहीं। उन्होंने पीएम मोदी की तुलना नरकासुर से करते हुए विवादित टिप्पणी की जिससे पूरे राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई।
डीएमके नेता का यह बयान आते ही बीजेपी तमिलनाडु ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नयनार नागेन्द्रन ने वीडियो शेयर करते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि देश के प्रधानमंत्री को इस तरह की धमकी देना कानून और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है और यह किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।
बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े पद पर आसीन नेता को खुले मंच पर ऐसी धमकी देना लोकतंत्र और राजनीतिक मर्यादाओं का अपमान है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्यक्रम में मौजूद सांसद और विधायक ने इस बयान को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जिससे यह साबित होता है कि पार्टी के भीतर हिंसक सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है। बीजेपी ने डीएमके सरकार से मांग की है कि जयपालन को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और सख्त कार्रवाई की जाए।
पीएम मोदी का दक्षिण भारत दौरा
इस विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के दौरे पर रहने वाले हैं। पीएम मोदी सबसे पहले आंध्र प्रदेश के पुट्टापार्थी में सत्य साईं बाबा के पवित्र स्थान पर जाएंगे। इसके बाद वे तमिलनाडु के कोयंबटूर में होने वाले दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त किसानों को जारी की जाएगी।
तमिलनाडु की राजनीति में बढ़ती तीखी बयानबाजी
यह घटना तमिलनाडु की राजनीति में बढ़ती कटुता और तीखी बयानबाजी का नया उदाहरण है। ऐसे माहौल में आम जनता के मन में भी असुरक्षा और असहजता बढ़ती दिख रही है। प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को खुली धमकी मिलना देश की लोकतांत्रिक संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला है। अब सबकी नजर राज्य सरकार की कार्रवाई पर है कि इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं।
तमिलनाडु में पीएम मोदी को मिली धमकी ने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है। राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन किसी भी नेता के खिलाफ हिंसा या धमकी की भाषा लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करती है। इस मामले में आने वाले कदम यह तय करेंगे कि राज्य में कानून व्यवस्था कितनी मजबूत है।

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