दिसंबर की सर्दियों में ऐसे बचाएं तुलसी का पौधा जानिए राम तुलसी श्याम तुलसी और कपूर तुलसी की सही देखभाल

तुलसी का पौधा

सर्दियों का मौसम आते ही घर की तुलसी को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाता है. हर भारतीय घर में तुलसी को पूजा और आस्था से जोड़ा जाता है और माना जाता है कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाती है. लेकिन ठंड बढ़ने पर कोहरा पाला और ठंडी हवा तुलसी को जल्दी नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए जरूरत है सही तरह से देखभाल करने की ताकि पौधा पूरा सीजन हरा भरा और ताज़ा बना रहे.

तुलसी की किस्में और सर्दियों में उनकी जरूरतें

तुलसी की कई किस्में होती हैं और हर किस्म की जरूरतें सर्दियों में अलग होती हैं. राम तुलसी ठंड को सबसे ज्यादा सहन करने वाली मानी जाती है और धूप मिलने पर यह तेजी से बढ़ती है. वन तुलसी भी मजबूत होती है लेकिन इसे हल्की धूप की जरूरत रहती है. श्याम तुलसी ठंडी हवा में जल्दी मुरझा जाती है इसलिए इसे घर के सुरक्षित कोने में रखना बेहतर होता है. कपूर तुलसी बेहद सुगंधित होती है लेकिन इसकी जड़ें ठंड में जल्दी जम सकती हैं इसलिए इसे बहुत कम पानी देना चाहिए.

धूप और नमी का सही संतुलन

सर्दियों में मिट्टी देर तक गीली रहती है जिससे तुलसी की जड़ें सड़ने लगती हैं. इस वजह से पौधा कमजोर हो जाता है और पत्तियां पीली होकर झड़ जाती हैं. तुलसी को रोज लगभग तीन से चार घंटे हल्की सुबह की धूप जरूर मिलनी चाहिए. इससे पत्तियां ताज़ा रहती हैं और पौधा स्वस्थ बना रहता है. पानी केवल तब दें जब मिट्टी हल्की सूखी महसूस हो क्योंकि जड़ों का ज्यादा देर गीला रहना नुकसानदायक होता है.

रात में तुलसी को ठंड से कैसे बचाएं

रात के समय ठंडी हवा तुलसी को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. इसलिए रात में पौधे को घर के अंदर किसी गर्म कोने में रखना सबसे सही तरीका है. चाहें तो तुलसी के गमले को हल्के दुपट्टे या मलमल के कपड़े से ढक सकते हैं. इससे पौधा पाले और तेज ठंड से सुरक्षित रहता है. सूखी या पीली पत्तियों को समय पर हटाते रहें ताकि नई पत्तियां आसानी से निकल सकें. मिट्टी को थोड़ा गर्म रखने के लिए गमले की सतह पर हल्की राख या सूखी घास डालना भी फायदेमंद रहता है.

खाद देने का सही तरीका

सर्दियों में तुलसी को बहुत कम खाद की जरूरत होती है. महीने में एक बार हल्की प्राकृतिक खाद जैसे गोबर खाद वर्मी कम्पोस्ट या लकड़ी की राख देना काफी होता है. इस मौसम में रासायनिक खाद का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जड़ें जल सकती हैं और पौधा सूख सकता है. प्राकृतिक खाद धीरे धीरे पौधे को पोषण देती है और ठंड में मजबूती देती है.

हमारी परंपरा में तुलसी का महत्व

तुलसी सिर्फ एक पौधा नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है. माना जाता है कि यह घर की हवा को शुद्ध करती है और सकारात्मकता बढ़ाती है. तुलसी के पत्ते सर्दी जुकाम खांसी और इम्यूनिटी बढ़ाने तक में काम आते हैं. इसलिए सर्दियों में इसकी देखभाल केवल बागवानी का काम नहीं बल्कि परंपरा और विश्वास दोनों का सम्मान है.

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