खेती करने वालों के लिए दिसंबर का महीना हमेशा खास होता है। इस समय रबी सीजन की ज्यादातर फसलों की बुआई चल रही होती है और किसान सोचते हैं कि कौन सी फसल जल्दी तैयार हो, कम खर्च में आए और बाजार में अच्छे दाम दे। अगर आप भी ऐसे ही फसल की तलाश में हैं तो मूली की खेती आपके लिए सबसे सही विकल्प साबित हो सकती है।
मूली की खासियत यह है कि इसे उगाना आसान है। ज्यादा दवाइयों की जरूरत नहीं होती और 45 से 50 दिन में फसल तैयार हो जाती है। इसके अलावा सर्दियों में मूली की मांग हमेशा बनी रहती है। लोग इसे सलाद में, सब्जी में, पराठे में और अचार में भी इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि मंडियों में मूली का रेट लगातार अच्छा रहता है और किसान जल्दी आमदनी कमा सकते हैं।
सही जमीन और तैयारी
मूली की खेती के लिए ज्यादा भारी मिट्टी की जरूरत नहीं होती। हल्की, भुरभुरी और पानी निकालने लायक मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। खेत की मिट्टी को अच्छी तरह जुताई करके भुरभुरा करना फसल के सीधे और लंबे आकार के लिए जरूरी है।
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटने वाले हल और कल्टीवेटर से तैयार करें। खेत में 8–10 टन गोबर की खाद डालना फसल के लिए लाभकारी है। लाइनों की दूरी 30 सेमी और बीजों की दूरी 5–7 सेमी रखें। सही तैयारी से मूली का आकार अच्छा होता है और बाजार में बढ़िया दाम मिलते हैं।
हाइब्रिड किस्मों से बढ़ाएं उत्पादन
आज बाजार में कई हाइब्रिड वैरायटी उपलब्ध हैं जो 35–50 दिन में तैयार हो जाती हैं। जल्दी तैयार होने वाली ये किस्में किसान को एक सीजन में 2–3 बार फसल लेने का मौका देती हैं। इससे मेहनत कम होती है और मुनाफा बढ़ जाता है।
सिंचाई का ध्यान
मूली में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती लेकिन नमी बनाए रखना जरूरी है। बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें और उसके बाद 5–7 दिन के अंतराल पर पानी दें। खेत में पानी खड़ा न होने दें क्योंकि इससे मूली टेढ़ी-मेढ़ी बन सकती है।
रोग और कीट प्रबंधन
मूली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कीटनाशक का खर्च लगभग न के बराबर आता है। चूंकि यह जमीन के भीतर बढ़ती है, इसलिए ऊपर वाले कीटों का खतरा कम रहता है। बस यह ध्यान रखें कि मिट्टी में ज्यादा नमी न हो वरना जड़ गलने की समस्या हो सकती है।
तैयार फसल और मुनाफा
जब मूली की फसल 45–50 दिन की हो जाती है तो इसे आसानी से बाजार में बेचा जा सकता है। इस समय प्रति नग अच्छे दाम मिल रहे हैं। छोटे खेत में भी हजारों मूली निकल आती हैं जिससे मुनाफा बढ़ जाता है।
किसानों के लिए खास सलाह
दिसंबर में मूली की खेती का समय बिल्कुल सही है। इस फसल में खर्च कम, मेहनत कम और कमाई ज्यादा होती है। जल्दी तैयार होने वाली हाइब्रिड किस्में ज्यादा फायदेमंद होती हैं। अगर खेत थोड़ा भी ठीक है तो फसल अच्छी बनती है और बाजार में लगातार मांग बनी रहती है।
अंत में यही कहा जा सकता है कि अगर किसान दिसंबर में मूली की खेती शुरू करें तो सिर्फ 50 दिन में अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। यह फसल कम लागत, कम समय और ज्यादा मुनाफे का सबसे आसान तरीका साबित हो सकती है।

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