Chukandar ki kheti: आज हम एक ऐसी फसल के बारे में बात करने वाले हैं जो सर्दियों में किसानों के लिए कमाई का बेहतरीन जरिया बन रही है. यह फसल मिट्टी की सेहत भी सुधारती है और अच्छी आमदनी भी देती है. बात हो रही है चुकंदर की खेती की जो आजकल देश भर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है.
चुकंदर की खेती क्यों बन रही है मुनाफे का साधन
चुकंदर मिट्टी में नमी बनाए रखता है और अगली फसल के लिए उर्वरता बढ़ा देता है. इस कारण यह फसल उन किसानों के लिए शानदार विकल्प बन गई है जो पारंपरिक गेहूं या सरसों से हटकर कुछ और आजमाना चाहते हैं. चुकंदर का इस्तेमाल सलाद जूस अचार और कई तरह के औषधीय उपयोगों में किया जाता है. इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है इसलिए इसकी खेती कम जोखिम और अधिक लाभ देने वाली मानी जाती है.
चुकंदर की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय
सर्दियों का मौसम चुकंदर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. अक्टूबर से दिसंबर तक बुवाई करने से फसल अच्छी तरह विकसित होती है. इसकी फसल लगभग नब्बे से सौ दिन में तैयार हो जाती है. दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें पानी निकासी की ठीक व्यवस्था हो चुकंदर के लिए आदर्श मानी जाती है.
खेती की तैयारी और बुवाई का तरीका
खेती शुरू करने से पहले खेत की जुताई दो से तीन बार करके मिट्टी को भुरभुरा बनाना जरूरी है. इसके बाद गोबर की खाद या अच्छी कंपोस्ट डालकर मिट्टी में मिलाने से पौधों को शुरुआत में पर्याप्त पोषण मिलता है. बुवाई के लिए प्रति एकड़ चार से पांच किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं. कतारों के बीच तीस सेंटीमीटर और पौधों के बीच दस सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करना जरूरी है ताकि बीज अच्छी तरह अंकुरित हो सकें.
सिंचाई और देखरेख का सही तरीका
चुकंदर के खेत में हर दस से पंद्रह दिन में सिंचाई करनी चाहिए. जलभराव बिल्कुल नहीं होना चाहिए वरना जड़ें सड़ सकती हैं. खेत में खरपतवार न जमा होने दें और समय पर निराई गुड़ाई करते रहें. नाइट्रोजन फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग फसल को मजबूत बनाता है और जड़ें बड़ी और लाल बनती हैं. बाजार में ऐसे चुकंदर की कीमत भी अधिक मिलती है.
उपज और मुनाफे की पूरी गणना
चुकंदर की फसल तैयार होने पर इसकी खुदाई सावधानी से करनी चाहिए ताकि जड़ों को नुकसान न पहुंचे. एक एकड़ में लगभग डेढ़ सौ से एक सौ अस्सी क्विंटल तक उपज मिल सकती है. कुल लागत बीस से पच्चीस हजार रुपये तक आती है. बाजार भाव आठ से बारह रुपये प्रति किलो मिलने पर किसान प्रति एकड़ अस्सी हजार से एक लाख रुपये तक का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं. यही कारण है कि यह फसल तेजी से पसंद की जा रही है.
अगर कोई किसान सर्दियों में कम लागत में ज्यादा मुनाफा पाना चाहता है तो चुकंदर उसकी सबसे अच्छी पसंद बन सकती है. यह फसल मिट्टी को भी सुधारती है और जेब को भी मजबूत करती है.

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