पशुपालन और कृषि का संयोजन एक स्थिर और लाभकारी कृषि व्यवस्था को उत्पन्न करता है, जो समृद्धि लाता है।
पशुपालन से खेतों में खाद की आपूर्ति होती है, जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और फसलें उगती हैं।
कृषि उत्पादों के साथ पशु उत्पादों जैसे दूध, मांस और अंडे से अतिरिक्त आय होती है, जिससे लाभ बढ़ता है।
पशुपालन से किसानों को विविधता मिलती है, जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
गाय और भैंसों का पालन करने से कृषि में पशु द्वारा खेतों की जुताई भी आसानी से हो सकती है।
पशुपालन में पशु स्वास्थ्य के लिए उचित देखभाल और आहार से उत्पादकता में वृद्धि होती है, जिससे लाभ मिलता है।
पशुओं के उत्पादों से किसानों को रोज़गार मिलता है और वे अपना खुद का व्यवसाय चला सकते हैं।
पशुपालन से कृषि भूमि का सर्वोत्तम उपयोग होता है और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
पशुपालन से जैविक खाद मिलती है, जो रासायनिक उर्वरकों से अधिक प्रभावी और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती है।
पशुपालन और कृषि का संयोजन किसानों को सतत विकास के रास्ते पर ले जाता है, जिससे दीर्घकालिक लाभ मिलता है।