मखाना की खेती तालाबों और झीलों में होती है। इसके बीज पानी में डालने के बाद धीरे-धीरे अंकुरित होते हैं।
गर्मी के मौसम में बीज डाले जाते हैं। कुछ महीनों में पौधे बढ़ते हैं और उनके पत्ते जल सतह पर फैलने लगते हैं।
पौधों पर फूल आते हैं और धीरे-धीरे बीज बनते हैं। पकने के बाद बीज पानी में गिर जाते हैं।
अक्टूबर-नवंबर में बीज पूरी तरह तैयार होते हैं। किसान इन्हें पानी से निकालकर धूप में सुखाते हैं।
सूखे बीजों को तोड़कर छिलका हटाया जाता है। फिर इन्हें भूनकर कुरकुरे मखाने बनाए जाते हैं।
मखाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
भारत में बिहार, असम और मणिपुर में मखाना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
सरकार मखाना किसानों को योजनाओं से मदद दे रही है। इससे खेती आसान हो रही है और लाभ बढ़ रहा है