ठंड में मटर की फसल को बीमारियों से कैसे बचाएं आसान और असरदार तरीके

Matar

मटर: आज हम बात करने वाले हैं मटर की उस फसल की जिसके ऊपर ठंड के दिनों में बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. किसान इस मौसम में हरी मटर की खेती बड़े शौक और उम्मीदों के साथ करते हैं क्योंकि यह फसल बेहतर दाम देती है और कम समय में अच्छा मुनाफा भी दिलाती है. लेकिन यदि समय पर देखरेख और उपचार ना किया जाए तो यह पूरी फसल बीमारियों का शिकार होकर खेत में ही बरबाद हो सकती है. इसलिए मटर की खेती करने वाले हर किसान को इसकी बीमारियों और उनके समाधान की पूरी जानकारी होनी चाहिए.

मटर की फसल में क्यों बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा

ठंड के मौसम में नमी अधिक होती है और तापमान कम रहता है. यही दो स्थितियां फंगल रोगों को तेजी से फैलने का मौका देती हैं. मटर की फसल में झुलसा रोग मोजेक रोग पत्ती धब्बा रोग जैसे कई रोग जल्दी फैलते हैं और बिना देर किए पूरे खेत में फैल जाते हैं. इसलिए समय पर पहचान और रोकथाम बहुत जरूरी है. फसल यदि शुरुआती दौर में ही संक्रमित हो जाए तो उत्पादन आधे से भी कम रह सकता है.

पाउडर मिल्ड्यू रोग की पहचान और समाधान

मटर में सबसे ज्यादा दिखने वाला रोग पाउडर मिल्ड्यू होता है. इस रोग में पत्तियों की निचली सतह पर पाउडर जैसे सफेद धब्बे दिखाई देते हैं जो धीरे धीरे पूरी पत्ती और पौधे पर फैल जाते हैं. यह फंगल ग्रोथ फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाती है और पौधों की बढ़वार रुकने लगती है. इस रोग से फसल को बचाने के लिए हेक्साकोनाजोल सल्फर WP और कार्बेन्डाजिम एक से डेढ़ ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. सही समय पर किया गया छिड़काव इस रोग को पूरी तरह काबू में कर देता है.

रस्ट रोग से फसल को होने वाला नुकसान

ठंड और नमी वाले मौसम में रस्ट रोग भी तेजी से फैलता है. इसमें पत्तियों पर छोटे छोटे धब्बे दिखाई देते हैं जो धीरे धीरे गहरे रंग के हो जाते हैं. यह फंगल रोग पौधों की सेहत को कमजोर कर देता है और उत्पादन गंभीर रूप से कम कर देता है. इस रोग के उपचार के लिए मैनकोज़ेब और कार्बेन्डाजिम दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.

डाउनी मिल्ड्यू रोग की पहचान और नियंत्रण

डाउनी मिल्ड्यू रोग में पत्तियों पर पीले और हल्के भूरे धब्बे दिखने लगते हैं. यह रोग फसल के उत्पादन को चालीस प्रतिशत तक कम कर सकता है. इस रोग को रोकने के लिए मेटालेक्सिल और मैनकोज़ेब दो से ढाई ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना सबसे अच्छा उपाय माना जाता है. नियमित निगरानी और समय पर दवा देने से यह रोग पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है.

फ्यूज़ेरियम विल्ट रोग और बीज उपचार की अहमियत

मटर की फसल में एक और गंभीर बीमारी फ्यूज़ेरियम विल्ट भी लगती है. इस रोग में पौधे अचानक मुरझाने लगते हैं और उनका विकास रुक जाता है. यह रोग मिट्टी में पहले से मौजूद फंगस के कारण फैलता है. इस बीमारी से बचाव के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना सबसे जरूरी कदम है. बीज को उचित दवा से उपचारित करके ही बोना चाहिए ताकि फसल शुरुआत से ही सुरक्षित रहे.

समय पर छिड़काव क्यों है सबसे जरूरी

मटर की फसल को बीमारियों से बचाने के लिए सबसे जरूरी है समय पर दवाइयों का छिड़काव. यदि किसान नियमित रूप से खेत की स्थिति देखते रहें और शुरुआती लक्षणों पर ही दवा छिड़क दें तो किसी भी बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. ठंड के मौसम में नमी बढ़ने की वजह से रोग तेजी से फैलते हैं इसलिए थोड़ी सी लापरवाही भी भारी नुकसान दे सकती है.

मटर की फसल ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा लाभ देती है लेकिन यह उसी समय बीमारियों से सबसे ज्यादा प्रभावित भी होती है. यदि किसान सही समय पर पहचान कर लें और दवाइयों का इस्तेमाल करें तो फसल को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सकता है. मटर की खेती एक अच्छी कमाई देने वाली फसल है इसलिए इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है.

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