आज हम बात कर रहे हैं पालक की खेती के बारे में जो ठंड के मौसम में किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होती है। पालक एक ऐसी हरी भाजी है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है लेकिन सर्दी आते ही इसका रेट और भी बढ़ जाता है। सबसे खास बात यह है कि पालक की फसल कम समय में तैयार हो जाती है और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है इसलिए कई किसान इसे सीजन की सबसे आसान और ज्यादा फायदेमंद फसल मानते हैं।
ठंड के मौसम में बढ़ती है पालक की मांग
जैसे ही ठंड शुरू होती है हरी सब्जियों का बाजार तेज हो जाता है और पालक भाजी की मांग अचानक बढ़ जाती है। लोग इसे खाने में खूब पसंद करते हैं क्योंकि यह शरीर को ताकत देती है और ठंड में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसी वजह से बाजार में इसकी कीमत अच्छी मिलती है और किसान बहुत जल्दी बढ़िया कमाई कर लेते हैं। इस समय पालक भाजी का रेट तीस से चालीस रुपए किलो तक मिल रहा है जो कम समय की फसल के हिसाब से बेहद बढ़िया माना जाता है।
कम देखभाल में तैयार होती है पालक की फसल
पालक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। ठंड के मौसम में फसल पर बीमारियों का प्रकोप भी कम रहता है जिससे खर्च भी कम आता है और फायदा ज्यादा मिलता है। खेत की दो बार जुताई करने के बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे पालक के बीज अच्छी तरह जमते हैं। इसके बाद खेत में बेड बनाकर गोबर खाद के साथ बीज बो दिए जाएं तो अंकुरण अच्छा मिलता है और फसल तेजी से बढ़ती है।
पोषक खाद से बढ़ता है उत्पादन
अगर किसान चाहते हैं कि उत्पादन ज्यादा मिले तो गोबर खाद के साथ थोड़ी मात्रा में DAP और यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पत्तियां चौड़ी होती हैं और प्रति कटाई वजन अधिक मिलता है। समय पर सिंचाई करने से फसल बहुत तेजी से बढ़ती है और लगभग एक महीने में हरी ताजी पालक बाजार के लिए तैयार हो जाती है।
कौन सी बीमारी से रहे सावधान
पालक में आमतौर पर तना छेदक बीमारी देखने को मिलती है जिससे पत्तियां खराब होने लगती हैं। इसलिए जरूरत पड़ने पर उचित दवा का छिड़काव करना जरूरी है जिससे फसल सुरक्षित रहे और पूरा उत्पादन मिल सके। अगर किसान हाईटेक विधि का उपयोग करते हैं तो उत्पादन और भी बढ़ जाता है जिससे कम समय में बड़ा मुनाफा मिल सकता है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
पालक भाजी की खेती में खर्च बहुत कम आता है और मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है। एक छोटे से खेत में भी किसान अच्छी आमदनी ले सकते हैं क्योंकि यह भाजी बाजार में बहुत जल्दी बिक जाती है। सिर्फ तीस दिनों में तैयार होने वाली यह फसल किसानों के लिए कम समय में लाभ कमाने का बेहतर विकल्प बन चुकी है।

दोस्तों में प्रवाह टाइम्स के माध्यम से आप तक खबर पहुचाता हूं, मुझे लेख लिखने का अनुभव पिछले दो सालो से है. अगर आप मुझसे सोशल मीडिया पर कनेक्ट करना चाहते हे तो निचे मेरे सोशल मीडिया हैंडल दिए गए हैं





