दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए खुशखबरी, रेलवे ने लिया बड़ा फैसला

दक्षिण भारत

नमस्कार दोस्तों, अगर आप दक्षिण रेलवे के मदुरै डिवीजन से यात्रा करते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। अब आपको ट्रेन में मिलने वाले कंबल कवर पर जानकारी हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ तमिल भाषा में भी मिलेगी।

यात्रियों की शिकायत के बाद आया बड़ा बदलाव

अब तक दक्षिण रेलवे के मदुरै डिवीजन में यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल कवर पर केवल हिंदी और अंग्रेजी में जानकारी दी जाती थी। लेकिन हाल ही में इसको लेकर यात्रियों की शिकायतें आईं कि स्थानीय भाषा तमिल में भी यह जानकारी होनी चाहिए। आलोचनाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने यह अहम फैसला लिया और संबंधित ठेकेदार को आदेश दिया कि अब कंबल कवर पर तमिल भाषा में भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

क्या बदलाव किया जा रहा है?

रेलवे प्रशासन के अनुसार, फिलहाल कंबल कवर पर लिखा होता है – “स्वागत है / मदुरै डिवीजन / आपकी सुखद यात्रा की कामना करता है / इस लिफाफे में दो धुली हुई चादरें और एक हाथ तौलिया है। यदि आप कपड़ों की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अटेंडेंट से दूसरा ले सकते हैं। यदि आपको कोई शिकायत है, तो कृपया 90038 62420 पर कॉल करें।” अब यह सारी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी के साथ तमिल में भी उपलब्ध होगी।

यात्रियों की सहूलियत को लेकर रेलवे गंभीर

रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह बदलाव जल्द ही लागू कर दिया जाएगा ताकि तमिल भाषी यात्रियों को कोई असुविधा न हो। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि वे अपनी भाषा में दी गई जानकारी को बेहतर तरीके से समझ भी सकेंगे।

भाषा विवाद की पृष्ठभूमि में अहम फैसला

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार पर दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी थोपने के आरोप लगते रहे हैं। तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच भाषा को लेकर कई बार मतभेद सामने आए हैं। ऐसे में रेलवे का यह फैसला यात्रियों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

निष्कर्ष

रेलवे के इस फैसले से तमिलनाडु के यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। यह कदम साबित करता है कि रेलवे अपने यात्रियों की जरूरतों को प्राथमिकता देता है और उनकी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

अस्वीकरण: इस लेख का उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है। इसमें दिए गए तथ्य रेलवे प्रशासन की आधिकारिक घोषणाओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी नीति में बदलाव की पुष्टि के लिए आधिकारिक रेलवे स्रोतों से जानकारी लेना उचित रहेगा।

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