बायोगैस उत्पादन एक प्रभावी तरीका है, जो खेतों में जैविक अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह पर्यावरण के लिए लाभकारी है।
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बायोगैस के लिए, गाय के गोबर, खाद, चावल की भूसी, और अन्य जैविक सामग्री का उपयोग किया जाता है।
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बायोगैस प्लांट में जैविक अपशिष्ट को डिगेस्टर में डालकर मीथेन गैस का उत्पादन किया जाता है। इससे ऊर्जा मिलती है।
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मीथेन गैस का उपयोग बिजली, रसोई गैस, और इन्कोम बायोफ्यूल के रूप में किया जा सकता है। यह ऊर्जा का एक सस्ता स्रोत है।
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बायोगैस प्लांट से निकलने वाली बायोमास खाद खेतों के लिए उर्वरक का काम करती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
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खेती में बायोगैस के उपयोग से किसानों की बिजली की जरूरतें पूरी हो सकती हैं और लागत में कमी आती है।
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बायोगैस के उत्पादन से पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन कम होता है और ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव में भी कमी आती है।
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बायोगैस प्लांट लगाने के लिए शुरुआती लागत होती है, लेकिन लंबी अवधि में इससे किसानों को बड़ा फायदा होता है।
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खेतों में बायोगैस उत्पादन के साथ, किसानों को एक अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है, जो आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
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बायोगैस से न केवल ऊर्जा मिलती है, बल्कि खेतों की कृषि प्रक्रियाओं में भी सुधार आता है और पर्यावरण को भी लाभ होता है।
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