संतरा, जिसे हम ऑरेंज भी कहते हैं, एक प्रमुख फसल है जो विटामिन C से भरपूर होती है। यह भारत में लोकप्रिय है।
संतरे की खेती गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में होती है। यह बागवानी की एक महत्वपूर्ण फसल है, जो हर साल अच्छा मुनाफा देती है।
संतरा की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी दोमट होती है, जो पानी को अच्छे से अवशोषित करती है और हवा का प्रवाह भी बनाए रखती है।
संतरे के पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन गर्मी के मौसम में नियमित सिंचाई करनी होती है।
संतरे के पेड़ को सही तरीके से प्रोन करना बहुत जरूरी है। इससे फल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बढ़ते हैं।
संतरा के पेड़ में फूल और फल आने के बाद, समय पर उर्वरक देना फसल के अच्छे विकास के लिए जरूरी है।
संतरा की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जैविक उपायों का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
संतरे की फसल को सही समय पर तोड़ना बहुत जरूरी है। इससे फल ताजे रहते हैं और बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।
संतरे की खेती में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, सही सिंचाई और उर्वरकों का उपयोग करके अधिक उत्पादन मिल सकता है।
संतरे की खेती से किसानों को अच्छा लाभ होता है। सही देखभाल और तकनीक से यह खेती एक स्थिर आय का स्रोत बन सकती है।